“फिर वही चाँद” कड़ी-४

Read in English “फिर वही चाँद” मुखपृष्ठ पिछली कड़ी अगली कड़ी   चौधरी भवन के कोने कोने तक वह आनंदमयी सुगंध फैली हुई थी. कुटी हुई छोटी इलायची का जादू तो चलना ही था. पीतल की ओखली पर मूसल की लय को बनाए हुए दुग्गादास ने एक नज़र नयनादेवी पर डाली तो ज़रा परेशान हुआ … More “फिर वही चाँद” कड़ी-४

“फिर वही चाँद” कड़ी-०३

Read in English “फिर वही चाँद” मुखपृष्ठ पिछली कड़ी अगली कड़ी   ईला देवी ने कभी मोटरसाईकल की सवारी नहीं की थी. दो चक्कों वाली गाड़ियों से उनके पुराने खौफ़ से अच्छी तरह वाक़िफ़ थे उनके सभी जानने वाले. वजह यह बताती थीं कि छोटी उम्र में किसी सड़क दुर्घटना को अपनी आँखों के सामने … More “फिर वही चाँद” कड़ी-०३